ॐ सांई राम
तू जब से मेरे दिल में आ समाया है,
इस दिल ने चैन, रूह ने सुकून पाया है |
दुनिया की हर शह में तू ही दिखता है,
दुनिया की हर शह में तू ही दिखता है,
तू ही मेरा हमदम मेरा सरमाया है ||
ग़मों की आंधियों से अब मुझे डर नहीं,
तूने ही तो मुझे बेखौफ बनाया है |
हर हाल में मैं खुश ही रहता हूं,
हर हाल में मैं खुश ही रहता हूं,
मेरे सर पर तुम्हारी रहमतों का साया है ||
यूं तो जीने को हर शख्स ही जी लेता है,
मैने तुम संग जीने का मकसद पाया है |
तुझको पाने का मुझमें जूनून जागा है,
तुझको पाने का मुझमें जूनून जागा है,
इस जुनून को तुमने ही तो जगाया है ||
काबिल नहीं हूं तुम्हारे कदमों में जगह पाने को,
तूने रहम की है और मुझे अपनाया है |
अब पीछे तुम भी हट सकते नहीं,
अब पीछे तुम भी हट सकते नहीं,
तुमने खुद ही तो अपने पास बुलाया है
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