ॐ साईं राम
कैसी सोच में डूबे हो क्यों घबराए हो आप
सुनो साईं के जाप से धुल जाते हैं पाप
सोचना तेरा काम नहीं तू काहे होत उदास
दुनिया भर की खुशियाँ देगी साईं की अरदास
श्रद्धा से जब नाम लो उसका मिले दिलों को चैन
उसकी लीला की खुशबू है सुख दुःख के दिन रैन
चलो चलें दरबार में सभी परिवार समेत
उसकी रहमत के बिना मोती भी हैं रेत
सब कुछ उसके हाथ में है इस बात को तू न भूल
उसके एक इशारे से काँटे बनते हैं फूल
देख रहा है दूर खड़ा वो कठपुतली का नाच
वो चाहे तो पलभर में बरखा को कर दे आंच
मधुर तान दरबार की बस है असली संगीत
जितनी जल्दी हो सके तू बन जा उसका मीत
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-: आज का साईं सन्देश:-
घटना यह ऐसी घटी,
समझा मन की भूल |
साईं से श्रद्धा बढ़ी,
निकले सब भ्रमशूल ||
होते ही साईं मिलन,
शंका सब मिट जाय |
भूख प्यास जाती रही,
मन हर्षित हो जाय ||
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