शिर्डी के साँई बाबा जी के दर्शनों का सीधा प्रसारण....

Saturday, January 21, 2012

श्री साईं कष्ट निवारण मंत्र



ॐ साईं राम






कष्टों की काली छाया दुखदायी है, जीवन में घोर उदासी लाई है ।


संकट को टालो सांई दुहाई है, तेरे सिवा ना कोई सहाई है ।


मेरे मन तेरी मूरत समाई है, हर पल हर क्षण महिमा गाई है ।


घर मेरे कष्टों की आँधी आई है, आपने क्यों मेरी सुध भुलाई है ।


तुम भोले नाथ हो दया निधान हो, तुम हनुमान हो महा बलवान हो ।


तुम्ही हो राम और तुम्ही श्याम हो, सारे जगत में तुम सबसे महान हो ।



तुम्ही महाकाली तुम्ही माँ शारदे, करता हूँ प्रार्थना भव से तार दो ।


तुम्ही मुहम्मद हो गरीब नवाज हो, नानक की वाणी में ईसा के साथ हो ।


तुम्ही दिगम्बर तुम्ही कबीर हो, हो बुद्घ तुम्ही और महावीर हो ।


सारे जगत का तुम्ही आधार हो, निराकार भी और साकार हो ।


करता हूँ वन्दना प्रेम विश्वास से, सुनो सांई अल्लाह के वास्ते ।


अधरों में मेरे नहीं मुस्कान है, घर मेरा बनने लगा श्मशान है ।


रहम नजर करो उजड़े विरान पे, जिन्दगी संवरेगी इस वरदान से ।


पापों की धूप से तन लगा हारने, आपका ये दास लगा पुकारने ।


आपने सदा लाज बचाई है, देर ना हो जाये मन शंकाई है ।


धीरे-धीरे धीरज ही खोता है, मन में बसा विश्वास ही रोता है ।


मेरी कल्पना साकार कर दो, सूनी जिन्दगी में रंग भर दो ।


ढ़ोते-ढ़ोते पापों का भार जिन्दगी से, मैं हार गया जिन्दगी से ।


नाथ अवगुण अब तो बिसारो, कष्टों की लहर से आके उबारो ।


करता हूँ पाप मैं पापों की खान हूँ, ज्ञानी तुम ज्ञानेश्वर मैं अज्ञान हूँ ।


करता हूँ पग-पग पर पापों की भूल मैं, तार दो जीवन ये चरणों की धूल से ।


तुमने उजाड़ा हुआ घर बसाया, पानी से दीपक तुमने जलाया ।


तुमने ही शिरड़ी को धाम बनाया, छोटे से गाँव में स्वर्ग सजाया ।


कष्ट पाप श्राप उतारो, प्रेम दया दृष्टि से निहारो ।


आपका दास हूँ ऐसे ना टालिये, गिरने लगा हूँ सांई सम्भालिये ।


सांई जी बालक मैं अनाथ हूँ, तेरे भरोसे रहता दिन-रात हूँ ।


जैसा भी हूँ, हूँ तो आपका, कीजै निवारण मेरे संताप का ।


तू है सवेरा और मैं रात हूँ, मेल नहीं कोई फिर भी साथ हूँ ।


सांई मुझसे मुख ना मोड़ो, बीच मझदार अकेला ना छोड़ो ।


आपके चरणों में बसे प्राण है, तेरे वचन मेरे गुरु समान है ।


आपकी राहों पे चलता दास है, खुशी नहीं कोई जीवन उदास है ।


आंसू की धारा है डूबता किनारा, जिन्दगी में दर्द, नहीं गुजारा ।


लगाया चमन तो फूल खिलाओ, फूल खिले है तो खुशबू भी लाओ ।


कर दो इशारा तो बात बन जाए, जो किस्मत में नहीं वो मिल जाये ।


बीता जमाना ये गाकें फसाना, सरहदें जिन्दगी मौत तराना ।


देर तो हो गयी है अंधेर ना हो, फिक्र मिले लेकिन फरेब न हो ।


देके टालो या दामन बचा लो, हिलने लगी रहनुमाई सम्भालो ।


तेरे दम पे अल्लाह की शान है, सूफी संतों का ये बयान है ।


गरीब की झोली में भर दो खजाना, जमाने के वाली करो ना बहाना ।


दर के भिखारी है मोहताज है हम, शहंशाहे आलम करो कुछ करम ।


तेरे खजाने में अल्लाह की रहमत, तुम सदगुरु सांई हो समरथ ।


आए तो धरती पे देने सहारा, करने लगे क्यों हमसे किनारा ।


जब तक ये ब्रहमांड रहेगा, सांई तेरा नाम रहेगा ।


चाँद सितारे तुम्हें पुकारेंगें, जन्मोजन्म हम रास्ता निहारेंगें ।


आत्मा बदलेगी चोले हजार, हम मिलते रहेंगे हर बार ।


आपके कदमों में बैठे रहेंगे, दुखड़े दिल के कहते रहेंगे ।


आपकी मरजी है दो या ना दो, हम तो कहेंगे दामन ही भर दो ।


तुम हो दाता हम है भिखारी, सुनते नहीं क्यों अरज हमारी ।


अच्छा चलो इक बात बता दो, क्या नहीं तुम्हारे पास बता दो ।


जो नहीं देना है इन्कार कर दो, खत्म ये आपस की तकरार कर दो ।


लौट के खाली चला जाऊँगा, फिर भी गुण तो गाऊँगा ।


जब तक काया है तब तक माया है, इसी में दुःखों का मूल समाया है ।


सब कुछ जान के अनजान हूँ मैं, अल्लाह की तू शान तेरी हूँ शान में ।


तेरा करम सदा सबपे रहेगा, ये चक्र युग-युग चलता रहेगा ।


जो प्राणी गायेगा सांई तेरो नाम, उसको मिले मुक्ति पहुँचे परमधाम ।


ये मंत्र जो प्राणी नित दिन गायेंगें, राहू, केतु, शनि निकट ना आएँगे ।


टल जाएंगें संकट सारे, घर में वास करें सुख सारे ।


जो श्रद्घा से करेगा पठन, उस पर देव सभी हो प्रसन्न ।


रोग समूह नष्ट हो जायेंगें, कष्ट निवारण मन्त्र जो गाएँगें ।


चिन्ता हरेगा निवारण जाप, पल में हो दूर हो सब पाप ।


जो ये पुस्तक नित दिन बांचे, लक्ष्मी जी घर उसके सदा बिराजै ।


ज्ञान बुद्घि प्राणी वो पायेगा, कष्ट निवारण मंत्र जो ध्यायेगा ।


ये मन्त्र भक्तों कमाल करेगा, आई जो अनहोनी तो टाल देगा ।


भूत प्रेत भी रहेंगे दूर, इस मन्त्र में सांई शक्ति भरपूर ।


जपते रहे जो मंत्र अगर, जादू टोना भी हो बेअसर ।


इस मंत्र में सब गुण समाये, ना हो भरोसा तो आजमाएँ ।


ये मंत्र सांई वचन ही जानो, स्वयं अमल कर सत्य पहचानो ।


संशय ना लाना विश्वास जगाना, ये मंत्र सुखों का है खजाना ।


इस मंत्र में सांई का वास, सांई दया से ही लिख पाया दास ।।


 





-: आज का साईं सन्देश :-



चरित लिखें हेमांड जी,

बाबा के उपदेश ।

चर्चा फैली चहुँ दिशा,

भारत देश विदेश ।।




 लीला साईंनाथ की,

मन आनंद समाय ।

यही काव्य के रूप में,

झरनों सी बह जाय ।।
 







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