ॐ सांई राम
तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं साईं
कोई वस्तु नहीं ऐसी, जिसे सेवा में लाऊं मैं साईं
करूं किस तौर आवाहन, कि तुम मौजूद हो हर जां,
निरादर है बुलाने को, अगर घंटी बजाऊं मैं साईं
अजब हैरान हूं भगवन, तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं साईं
तुम्हीं हो मूर्ति में भी, तुम्हीं व्यापक हो फूलों में,
भला भगवान पर भगवान को कैसे चढाऊं मैं साईं
अजब हैरान हूं भगवन, तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं साईं
लगाना भोग कुछ तुमको, एक अपमान करना है,
खिलाता है जो सब जग को, उसे कैसे खिलाऊं मैं साईं
अजब हैरान हूं भगवन, तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं साईं
तुम्हारी ज्योति से रोशन हैं, सूरज, चांद और तारे,
महा अंधेर है कैसे, तुम्हें दीपक दिखाऊं मैं साईं
अजब हैरान हूं भगवन, तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं साईं
भुजाएं हैं, न सीना है, न गर्दन, है न पेशानी,
कि हैं निर्लेप नारायण, कहां चंदन चढ़ाउं मैं साईं
अजब हैरान हूं भगवन, तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं साई
-: आज का साईं सन्देश :-
श्रवण करो निष्ठा सहित,
मन भक्ति भर लाय ।।
सुमिरन कर ले साईं का,
मोक्ष सरल हो जाय ।।
सतयुग में सम दम करें,
त्रेता में हो त्याग ।
द्वापर युग पूजन करें,
कलयुग कीर्तन राग ।।
Kindly Provide Food & clean drinking Water to Birds & Other Animals,
This is also a kind of SEWA.
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