ॐ सांई राम
ॐ शिरडी वासाय विधमहे
सच्चिदानन्दाय धीमही
तन्नो साईं प्रचोदयात॥
पलक उठे जब जब भी अपने,
बाबा जी का दर्शन पाये |
पलक झुके तो मन मन्दिर में,
बाबाजी को बैठा पाये |
बाबा जी का दर्शन पाये |
पलक झुके तो मन मन्दिर में,
बाबाजी को बैठा पाये |
मुख से जब कुछ बोलें तो,
साईं नाम ही दोहरायें |
कानों से कुछ सुनना हो तो,
साईं नाद ही सुन पायें |
साईं नाम ही दोहरायें |
कानों से कुछ सुनना हो तो,
साईं नाद ही सुन पायें |
हाथ उठें तो जुड जायें,
श्री चरणों में भक्ती से |
कारज करते साईं ध्यायें,
बाबा जी की शक्ती से ||
श्री चरणों में भक्ती से |
कारज करते साईं ध्यायें,
बाबा जी की शक्ती से ||
गुरूवार का, मेरे बाबा का दिन आया...
मन में फिर, एक नयी आस ले कर आया...
सच्चे मन से जिस ने बाबा को भी ध्याया....
उसी ने मेरे बाबा को पाया.....ॐ साईं राम जी....
मन में फिर, एक नयी आस ले कर आया...
सच्चे मन से जिस ने बाबा को भी ध्याया....
उसी ने मेरे बाबा को पाया.....ॐ साईं राम जी....
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