ॐ सांई राम
तन मन की सूद बिसर गई है
सन्मुख साई नाथ खड़े है
एक टक सारे देख रहे है
एक टक सारे देख रहे है
अपने साई नाथ खड़े है
तन मन की सूद बिसर गई है
सन्मुख साई नाथ खड़े है
साई मन्दिर में पहुच चुके है
साई मन्दिर में पहुच चुके है
भक्त तुम्हारे भोर हुए
अदभुध छवि निराली देख के
अदभुध छवि निराली देख के
सब आतम विभोर हुए
छुकर इन पवन चरणों को
छुकर इन पवन चरणों को
आन्दित हम और हुए
एक टक सारे देख रहे है
एक टक सारे देख रहे है
अपने साई नाथ खड़े है
तन मन की सूद बिसर गई है
सन्मुख साई नाथ खड़े है
देवी देवता और मुनिवर
देवी देवता और मुनिवर
खड़े है सब तुझको घेरे
प्रेम की गंगा उमड़ परी है
प्रेम की गंगा उमड़ परी है
आए है जो द्वार तेरे
मन में कैसे लहर उठी है
मन में कैसे लहर उठी है
लगते है सब हरिश्वरे
एक टक सारे देख रहे है
एक टक सारे देख रहे है
अपने साई नाथ खड़े है
तन मन की सूद बिसर गई है
सन्मुख साई नाथ खड़े है
अपने भक्तों पर कृपा करके
अपने भक्तों पर कृपा करके
हर लेते हो दुःख सबके
जीवन नैया पार करने में
जीवन नैया पार करने में
लगे न तुमको एक घड़ी
एक टक सारे देख रहे है
एक टक सारे देख रहे है
अपने साई नाथ खड़े है
तन मन की सूद बिसर गई है
सन्मुख साई नाथ खड़े है
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