ॐ सांई राम
कलियों में तू है फूलों में तू है
सागर की इक इक लहरों में तू है
कहीं भी जाऊँ बस तू ही तू है
तुम्हारा ही नाम तुम्हारी ही पूजा
तुम ही तुम हो कोई न दूजा
हमें रास्तों की ज़रूरत नहीं है
हमें तेरे क़दमों के निशान मिल गए है...
यह सौँप दिया सारा जीवन,
सांई नाथ तुम्हारे चरणो मेँ।
अब जीत तुम्हारे चरणोँ मेँ,
अब हार तुम्हारे चरणोँ मेँ॥
मैँ जग मेँ रहूँ तो ऐसे रहूँ,
ज्योँ जल मेँ कमल का फूल रहे।
अब सौँप दिया सारा जीवन,
सांई नाथ तुम्हारे चरणो मेँ।
ॐ साईं......श्री साईं...... जय जय साईं......!
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