ॐ सांई राम
साई के उजालो,
मेरे साई के उजालो .
आँखों में सिमट आओ
अंधेरो को निकालो ..
महफ़िल में तेरी आये
तो हम एक हुए हैं .
रस्ते पे तेरे चल के
सभी नेक हुए हैं .
हर पग पे सम्भाला है
तो आगे भी संभालो ..
साई के उजालो .............
बरसों से तुम्हें दिल
की नज़र से ढूंढ़ रही है .
जिस घर में छिपे हो
वो ही घर ढूंढ़ रही है .
परदों से निकलकर
मुझे आँचल में छिपालो ..
साई के उजालो .............
दुनिया का अजब हाल
है इंसान के हाथों .
ऐसा तो न होगा कभी
शैतान के हाथों .
अब चाहो तो आकाश पे
धरती को उठालो ..
साई के उजालो .............
साई के उजाले
मेरे साई के उजालो .
आँखों में सिमट आओ
अंधेरो को निकालो ..
महफ़िल में तेरी आये
तो हम एक हुए हैं .
रस्ते पे तेरे चल के
सभी नेक हुए हैं .
हर पग पे सम्भाला है
तो आगे भी संभालो ..
साई के उजालो .............
बरसों से तुम्हें दिल
की नज़र से ढूंढ़ रही है .
जिस घर में छिपे हो
वो ही घर ढूंढ़ रही है .
परदों से निकलकर
मुझे आँचल में छिपालो ..
साई के उजालो .............
दुनिया का अजब हाल
है इंसान के हाथों .
ऐसा तो न होगा कभी
शैतान के हाथों .
अब चाहो तो आकाश पे
धरती को उठालो ..
साई के उजालो .............
साई के उजाले
मेरे साई के उजाले
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