ॐ सांई राम
रंग अलग है रूप अलग है ,भाव सब में एक है
घाट अलग है ,लहरे अलग है ,जल तो सब में एक है ||
काले गोरे पीले तन में ,खून का रंग तो एक है ,
प्रेम की भाषा अलग अलग है ,प्रेम तो सब में एक है ||
पेड ,पोधे अलग अलग है ,तत्व तो सब में एक है
मताए सबकी अलग अलग है ,ममता तो सब एक है ||
गाव ,शहर ,देश सबके अलग अलग है ,पर घरती तो एक है ,
गाय अलग अलग रंगों की है ,दूध का रंग तो एक है ||
खाना सबका अलग अलग है ,पर भूख सबकी है ,
वेशभूषा सबकी अलग अलग है ,जीवन सबका एक है ||
सोच सबकी अलग अलग है ,पर ज्ञान सबमे एक है ,
सब करते साईं का शुकराना अलग अलग तरीके से,
जिसने ये समझाया की "सबका मालिक एक है"
घाट अलग है ,लहरे अलग है ,जल तो सब में एक है ||
काले गोरे पीले तन में ,खून का रंग तो एक है ,
प्रेम की भाषा अलग अलग है ,प्रेम तो सब में एक है ||
पेड ,पोधे अलग अलग है ,तत्व तो सब में एक है
मताए सबकी अलग अलग है ,ममता तो सब एक है ||
गाव ,शहर ,देश सबके अलग अलग है ,पर घरती तो एक है ,
गाय अलग अलग रंगों की है ,दूध का रंग तो एक है ||
खाना सबका अलग अलग है ,पर भूख सबकी है ,
वेशभूषा सबकी अलग अलग है ,जीवन सबका एक है ||
सोच सबकी अलग अलग है ,पर ज्ञान सबमे एक है ,
सब करते साईं का शुकराना अलग अलग तरीके से,
जिसने ये समझाया की "सबका मालिक एक है"
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