शिर्डी के साँई बाबा जी के दर्शनों का सीधा प्रसारण....

Sunday, February 3, 2013

श्री साईं लीलाएं - और विष उतर गया




ॐ सांई राम




  


कल हमने पढ़ा था.. श्री साईं परिचय व जीवन गाथा


 


श्री साईं लीलाएं


 




 


और विष उतर गया






बाबा को द्वारिकामाई मस्जिद में आए अभी दूसरा ही दिन था कि अचानक मस्जिद के
दूसरे
छोर पर शोर मच गया - "काट लिया! काट लिया! काले नाग ने काट लिया|"



"
क्या हुआ?" साईं बाबा एकदम से चौंककर खड़े हो गए और शोर मचाने वाले से पूछा|



"
दामोदर को नाग ने काट लिया साईं बाबा!" एक व्यक्ति ने सहारा देकर दामोदर को उठाते हुए कहा| दामोदर की हालत एकदम से खराब होती जा रही थी| उसका सारा शरीर नीला पड़ता जा रहा था, मुंह से झाग आने लगी थी|



"
मत चढ़...मत चढ़...!" साईं बाबा बोले|



"
कहां गया नाग?"



"
इस बिल में घुस गया है|" एक व्यक्ति ने मस्जिद के एक कोने में एक बिल की ओर हाथ से
इशारा करते हुए कहा
| उस बिल को देखकर साईं बाबा बड़े जोर से हँसकर बोले -
"वाह रे लीलाधर! बड़ी विचित्र
है तेरी लीला| यह तो नेवले का बिल है| नेवला अभी इस नाग के टुकड़े-टुकड़े करके रख देगा|" सभी व्यक्ति साईं बाबा की ओर हैरानी से देखने लगे|



फिर साईं बाबा दामोदर के पास आये और उसके पास बैठकर, उसके पैर पर ऊपर से नीचे की ओर हाथ फेरते हुए कहने लगे - "उतर जा... उतर जा...|"



बाबा के ऐसा कहते ही दामोदर के अंगूठे से नीले-नीले रंग की बूंदें तेजी से गिरने लगीं| वहां उपस्थित लोगों को यह समझते देर न लगी कि यह बूंदें उसी नाग के जहर की हैं|



यह देखकर सबको बहुत आश्चर्य हो रहा था कि नाग का जहर तो तेजी से ऊपर की ओर चढ़ता जाता है|



उन्होंने सांप काटने की अनेक घटनाएं देखी थीं| पर, ऐसा पहली बार देखा था कि जहर शरीर में फैलने की बजाय बूंद-बूंद का जख्म से ही टपकने लगा हो|



बाबा दामोदर के डंसे हुए पैर पर हाथ फेरते रहे और जहर बूंद-बूंद करके नीचे की ओर टपकता गया| थोड़ी देर बाद बूंदों का नीला रंग धीरे-धीरे लाली में बदल गया|



कुछ देर बाद बाबा ने कहा - "दामोदर के शरीर से अब सारा जहर निकल गया है| अब चिन्ता करने की कोई बात नहीं है| यह अब ठीक है|"



फिर उन्होंने दामोदर से पूछा - "अब कैसा लग रहा है, दामोदर?"



"
अब मेरी तबीयत ठीक है बाबा|" दामोदर ने कहा और साईं बाबा के पैरों से लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगा| बोला -"आपने मुझे बचा लिया साईं बाबा! आपकी कृपा से ही आज मेरी जान बच पायी है|"



यह घटना सबके लिए महान् आश्चर्य का विषय थी| सभी ने यह चमत्कार अपनी आँखों के सामने होते देखा था|



साईं बाबा के होठों पर मुस्कराहट थिरक रही थी|



उनके इस चमत्कार की चर्चा सारे गांव में हो रही थी|



अब लोगों को विश्वास होने लगा कि साईं बाबा वास्तव में ही कोई अवतारी पुरुष हैं|



सभी धर्मों के लोग दूर-दूर से उनके पास आने लगे|


 


 


कल चर्चा करेंगे... साईं बाबा की जय-जयकार


 


 


ॐ सांई राम


 





===ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ===









बाबा के श्री चरणों में विनती है कि बाबा अपनी कृपा की वर्षा सदा सब पर बरसाते रहें ।










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