ॐ सांई राम
एकवेणी जपाकरणपूरा नग्ना खरास्थिता |
लम्बोष्ठी कर्णिकाकणी तैलाभ्यक्तशरीरिणी ||
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषण
वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिभरयंकरी ||
माँ
दुर्गा की सातवी शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती है | इनके
शरीर का
रंग घने अन्धकार की तरह काला होता है | बाल बिखरे हुए हैं | गले में बिजली
की तरह चमकने वाली माला है | इनके तीन नेत्र हैं | ये तीनो नेत्र ब्रम्हांड
के समान गोल हैं | इनके श्वास से अग्नि की भयंकर ज्वालायें निकलती रहती
हैं | इनका वाहन गदर्भ ( गधा ) है | ऊपर उठे दाहिने हाथ से सबको वर प्रदान
करती हैं | दाहिनी तरफ का नीचे वाला हाथ अभय मुद्रा में है | बायीं तरफ के
ऊपर वाले हाथ में लोहे का काँटा तथा नीचे वाले हाथ में खड्ग ( कटार ) है |
माँ कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है परन्तु ये सदैव शुभ फल
ही देने वाली हैं | इसलिए इनसे किसी भी प्रकार से भयभीत होने की आवश्यकता
नहीं है |
Kindly Provide Food & clean drinking Water to Birds & Other Animals,
This is also a kind of SEWA.
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