दधाना कर्पद्मभ्यमक्श्मलकमन्दलु |
देवि प्रसीदतु मयि ब्रम्हाचारिन्यानुत्मा |
माँ
दुर्गा की नव शक्तियों का दूसरा रूप माँ ब्रम्हचारिणी का है | यहाँ
ब्रम्हा
शब्द का अर्थ तपस्या है | ब्रम्हचारिणी अर्थात तप की चारिनी ( तप
का आचरण करने वाली | ) ब्रम्हचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं
अत्यंत भव्य है | इनके दाहिने हाथ में जप की माला और बहिने हाथ में कमण्डल
रहता है | अपने पूर्व जन्म में जब ये हिमालय के घर पुत्री-रूप में उत्पन
हुई थीं तब नारद के उपदेश से इन्होने भगवान् शंकर को पति रूप में प्राप्त
करने के लिए अत्यंत कठिन तपस्या की थी | दुष्कर तपस्या के कारण इन्हें
तपश्चारिणी अर्थात ब्रम्हचारिणी नाम से अभिहित किया गया |
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