ॐ सांई राम
मैंने साईं मुखड़ा देख लिया
मैंने झुकके माथा टेक दिया
सुबह शुभ मुहर्त लाई है
सुबह शुभ मुहर्त लाई है
सांझ को साईं बेला छाई है
मैंने रात को देखा सपना था
मैंने रात को देखा सपना था
कोई खडा सिरहाने अपना था
जब नींद खुली तो कोई नहीं
जब नींद खुली तो कोई नहीं
रात भर ऑंखें सोई नहीं
ख्वाबो में आई परछाई थी
ख्वाबो में आई परछाई थी
बाबा शिर्डी वाले साई की
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