शिर्डी के साँई बाबा जी के दर्शनों का सीधा प्रसारण....

Tuesday, June 11, 2013

श्री गुरु अंगद देव जी -साखियाँ - जुलाही को आरोग्य करना






श्री गुरु अंगद देव जी -साखियाँ - जुलाही को आरोग्य करना












एक दिन अमरदास जी गुरु जी के स्नान के लिए पानी की गागर सिर पर उठाकर प्रातःकाल आ रहे थे कि रास्ते में एक जुलाहे कि खड्डी के खूंटे से आपको चोट लगी जिससे आप खड्डी में गिर गये| गिरने कि आवाज़ सुनकर जुलाहे ने जुलाही से पुछा कि बाहर कौन है? जुलाही ने कहा इस समय और कौन हो सकता है, अमरू घरहीन ही होगा, जो रातदिन समधियों का पानी ढ़ोता फिरता है| जुलाही की यह बात सुनकर अमरदास जी ने कहा कमलीये! में घरहीन नहीं, मैं गुरु वाला हूँ| तू पागल है जो इस तरह कह रही हो|


उधर इनके वचनों से जुलाही पागलों की तरह बुख्लाने लगी| गुरु अंगद देव जी ने दोनों को अपने पास बुलाया और पूछा प्रातःकाल क्या बात हुई थी, सच सच बताना| जुलाहे ने सारी बात सच सच गुरु जी के आगे रख दी कि अमरदास जी के वचन से ही मेरी पत्नी पागल हुई है| आप किरपा करके हमें क्षमा करें और इसे अरोग कर दे नहितो मेरा घर बर्बाद हो जायेगा|

गुरु जी ने अमरदास जी को बारह वरदान देकर अपने गले से लगा लिया और वचन किया कि आप मेरा ही रूप हो गये हो| इसके पश्चात गुरु अंगद देव जी ने अपनी कृपा दृष्टि से जुलाही की तरफ देखा और उसे अरोग कर दिया| इस प्रकार वे दोनों गुरु जी की उपमा गाते हुए घर की ओर चाल दिये|

No comments:

Post a Comment

For Donation